मैं वो कोरी क़िताब हूँ , जिसमें कोई अल्फाज़ नहीं। फिर भी कुछ शब्द लिखे है मैने। मैं वो कोरी क़िताब हूँ , जिसमें कोई अल्फाज़ नहीं। फिर भी कुछ शब्द लिखे है मै...
ये आँखे अब विरानियों का बसेरा है सहरा में बारिश नहीं हुआ करती।। ये आँखे अब विरानियों का बसेरा है सहरा में बारिश नहीं हुआ करती।।
कई दफा मॉल में यूं ही विंडो शॉपिंग कर लेता हूँ,इसी वक़्त मेंआराम सा है आजकल,जब से वार्डरोब में बंद क... कई दफा मॉल में यूं ही विंडो शॉपिंग कर लेता हूँ,इसी वक़्त मेंआराम सा है आजकल,जब स...
फिसलती रेत को कौन पकड़ पाया, समय ने सबको अपनी उंगलियों पर नचाया। फिसलती रेत को कौन पकड़ पाया, समय ने सबको अपनी उंगलियों पर नचाया।
ऐसे जीते हैं ज़िन्दगी यारों । रोज़ अपना हिसाब देखते हैं । ऐसे जीते हैं ज़िन्दगी यारों । रोज़ अपना हिसाब देखते हैं ।
पलटना चाहता हूँ मैं उसे आज भी लेकिन सोचता हूँ साथ कुछ देर और बिता लूँ। पलटना चाहता हूँ मैं उसे आज भी लेकिन सोचता हूँ साथ कुछ देर और बिता लूँ।